कोयला संकट: बिजली कटौती से जनता हलकान और सियासत में घमासान, क्या सरकार के दावों से मिलेगी राहत ?

सार शनिवार को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि सीसीएल के पास 60 लाख टन से अधिक कोयला स्टॉक मौजूद है। हमने पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड में बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन 1.85 लाख टन भेजने का लक्ष्य रखा है। अंतर-मंत्रालयी समूह स्थिति की निगरानी कर रहा है।

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विस्तार देश में कोयला संकट गहरा गया है और इसका असर देश के ज्यादातर राज्यों में बिजली कटौती के रूप में देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां भीषण गर्मी की मार झेल रही जनता को बिजली की कमी ने बेहाल कर दिया है, तो दूसरी ओर उद्योगों का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। लोगों और उद्योगों को इससे हाल-फिलहाल राहत तो मिलती नहीं दिख रही है, जबकि सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त हैं।

कई राज्यों में जनता का हाल-बेहाल पहले देश में बिजली कटौती के हालातों पर एक नजर डाल लेते हैं। हालात ये हैं कि देश के 16 राज्यों में कोयले की कमी के कारण हो रही बिजली कटौती से बुरा हाल है। उत्तर और मध्य भारत में अभूतपूर्व गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड 2.14 लाख मेगावाट के करीब पहुंच गई है। इस बीच बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण मांग के मुकाबले आपूर्ति में जोरदार कमी दर्ज की गई है। यूपी, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान के अलावा जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को 2 से लेकर 10 घंटे तक की अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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